
श्रीमद् भागवत कथा को जीवन में उतारना, जीवन सुखी हो जाएगा-श्री कृपा व्यास

निकटवर्ती चक्र भवानी शक्ति पीठ बड़वाई पर स्वर्ण कलश आरोहण के नवम पाटोत्सव पर बीते 7 दिवस से आयोजित संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा का यज्ञ हवन व मंदिर पर ध्वजादंड चढ़ाने के साथ धूमधाम के साथ समापन हुआ। कथा के अंतिम दिन प्रातः शुभ मुहूर्त में आचार्य हीरालाल जोशी के निर्देशन में यज्ञ हवन का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य यजमान कमला शंकर श्रीमाली, सहायक यजमान प्रकाश जोशी ने परिवार के साथ आहुतियां दी, मंदिर मंडल अध्यक्ष मदन लाल मेनारिया द्वारा मां चक्र भवानी की महा आरती की गई। यज्ञ हवन की पूर्णाहुति के बाद मंदिर मंडल अध्यक्ष के निर्देशन में गगनभेदी जयकारों के साथ मंदिर पर ध्वजा चढ़ाई गई। कथा के अंतिम दिन कथा वाचक श्री कृपा व्यास ने सभी श्रद्धालुओं को सीख देते हुए कहा कि भागवत कथा का श्रवण ही नहीं इसको जीवन में उतारो जीवन सफल हो जाएगा वहीं बच्चों को हर रोज श्रीमद् भागवत कथा का एक अध्याय करने की सीख दी ।

अंतिम दिन कथा व्यास ने भागवत के सभी अध्याय को पुनः वर्णन किया। कथा के अंतिम दिवस कमलेश जोशी व सुरेश अहीर सहित परिवार द्वारा भागवत जी की आरती की गई। जिसके बाद महिलाओं ने मंगल गीत गाते हुए बैंड बाजों के साथ श्री कृपा व्यास को विदाई दी इस मौके पर कथा व्यास को बग्गी में बिठाकर गांव में शोभायात्रा निकाली गई जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने हिस्सा लिया। आयोजित इस पाटोत्सव में सराहनीय सहयोग देने वाले भामाशाहों का मंदिर मंडल कार्यकारिणी द्वारा सम्मान किया गया। इस दौरान मंदिर मंडल अध्यक्ष मदन लाल मेनारिया, उपाध्यक्ष गोकुल माली, कोषाध्यक्ष हीरालाल गायरी, मंत्री रवि श्रीमाली, उप मंत्री राजेश जोशी सहित ग्रामीण मौजूद रहे।

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